अब
शायद शेर और शायरी की बातें करना ज्यादा उचित होगा.
समाज
में समस्स्याये हैं, दुख है, करप्शन है,
धर्म का व्यापार है,
राजनीती
की चाल है, तो हो!
लोग
कहते हैं, यहाँ तो यह सब लगा ही रहेगा
लोग समझदार हैं.
पशु
मरते रहेंगे, गायें पूजी जायेंगी और कटेंगी भी
अब
इसमें हम और आप कर ही क्या सकते हैं?
यहाँ गिरफ्तार
होते हैं, युवा लोग,
फेसबुक पर विचार व्यक्त करने के लिए,
फिर भी आलोचना होती है
तालिबानियों की.
अंधेर नागरी चौपट राजा ...
ReplyDeleteसमस्या ही समस्याएँ
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